हड़प्पा की सभ्यता (Harappan Civilization)
हड़प्पा सभ्यता, जिसे इंदुस नदी सभ्यता भी कहा जाता है, एक प्राचीन सभ्यता थी जो भारतीय उपमहाद्वीप में पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी भारत के क्षेत्रों में लगभग 2600 ईसा पूर्व से 1900 ईसा पूर्व तक मौजूद थी।
हड़प्पा सभ्यता के लोग उनके निवासस्थलों को सुखद और व्यवस्थित बनाने के लिए प्रसिद्ध थे। इस सभ्यता के महत्वपूर्ण नगर शहर हड़प्पा और मोहेंजो-दाड़ो थे, जिन्हें पूर्वाग्रेसिव विगति के नगरों के रूप में जाना जाता है।
हड़प्पा सभ्यता के लोग अपने निवासस्थलों को सड़कों, घरों, वाणिज्य, और सामाजिक व्यवस्थाओं के साथ आदर्शपूर्ण ढंग से व्यवस्थित करते थे। इनके नगर शहरों के घर आमतौर पर सुखद और तटस्थ थे और सफाई और हाइजीन की दिशा में भी बड़ी महत्वपूर्ण थे।
हड़प्पा सभ्यता का नुकशान और फायदा विभिन्न कारणों से हुआ। इसके नुकशान में प्राकृतिक आपदाएँ और शायद घातक बर्फबारी भी शामिल थीं। साथ ही, इस सभ्यता की अस्तित्व में आए बदलाव और घातक घटकों की उपस्थिति का प्रभाव भी था।
हड़प्पा सभ्यता का अच्छा संगठन और शहरी जीवन आज भी अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण है, और यह भारतीय सभ्यता के विकास के साथ एक महत्वपूर्ण मानवाधिकार है।
हड़प्पा सभ्यता के प्रमुख स्थल
(Major sites of Harappan civilization)
हड़प्पा सभ्यता के प्रमुख स्थल भारत और पाकिस्तान के इलाकों में थे। इस सभ्यता के प्रमुख स्थल निम्नलिखित थे:
- हड़प्पा (इसका आधिकारिक नाम मोहनजोदड़ो है) – पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित यह स्थल हड़प्पा सभ्यता की सबसे प्रमुख नगर था।
- मोहनजोदड़ो – पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित यह नगर भी हड़प्पा सभ्यता का महत्वपूर्ण स्थल था।
- कालीबंगन – भारत के राजस्थान राज्य में स्थित कालीबंगन भी हड़प्पा सभ्यता का महत्वपूर्ण स्थल था।
- लोथल – गुजरात राज्य के सौराष्ट्र में स्थित लोथल भी हड़प्पा सभ्यता का महत्वपूर्ण नगर था।
- चान्दीगढ़ – चान्दीगढ़ क्षेत्र में भी हड़प्पा सभ्यता से संबंधित स्थल मिले हैं।
ये स्थल हड़प्पा सभ्यता के सबसे महत्वपूर्ण नगर थे और इस सभ्यता की सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन के प्रमुख पहलुओं की खोज के लिए महत्वपूर्ण हैं।