ब्रह्मांड (Universe) एक विशाल और सम्पूर्ण स्थिति का संक्षेप रूप है जिसमें हमारा ग्रहण तथा सभी ग्रह, तारा, गैस्य धूमकेतु, तथा अंय समस्त सूक्ष्म और भ्रांतिमय प्राणी तथा अदृश्य तथा दृश्य ब्रह्मांड है। इसमें ब्रह्मांड के अंतरिक्ष, तारामंडल, ग्रह और उनके छोटे भाग जैसे गैस धूमकेतु, कोण तारे, उपग्रह, धूमकेतु, और ग्लेक्सियों आदि की बड़ी संख्या शामिल होती है। ब्रह्मांड की व्यापकता और संशोधन के बदलते परिपेक्ष्य में, इसकी व्यापकता के बारे में अलग-अलग धारणाएँ हो सकती हैं।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, ब्रह्मांड विश्व को समझने और अध्ययन करने के लिए विज्ञानी और खगोलशास्त्री द्वारा उपयोग किया जाता है। वे ब्रह्मांड के ग्रहों, तारामंडल, गैस धूमकेतु, तथा अन्य आकृतियों की गति, रचना, और विकास की अध्ययन करते हैं।
धार्मिक दृष्टिकोण से, ब्रह्मांड का आदिकारण और सृजनाकर्ता के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। विभिन्न धर्मों और दार्शनिक परंपराओं में इसके बारे में विभिन्न धारणाएँ हो सकती हैं, जैसे कि ब्रह्मांड ईश्वर की सृजना होता है या फिर प्राकृतिक नियमों और तत्त्वों का एक संयोजन होता है।
सामान्य शब्दों में, ब्रह्मांड विशाल ग्रहण का समूह है जिसमें हमारा ब्रह्मांड (सौरमंडल) एक छोटा हिस्सा है। इसमें अगले ग्रहण, तारामंडल, गैस धूमकेतु, तथा अन्य सूक्ष्म भौतिकी तथा ब्रह्मांड के व्यापक गणराज्य के अनगिनत संविधान होते हैं।
ब्रह्मांड (Universe) एक विशाल, अंश ब्रह्मांड या समग्रता वस्तु है जिसमें हमारी ग्रह धरती शामिल है, साथ ही तारों, ग्रहों, गैलेक्सियों, ब्रह्मांडीय ध्वनि, तंतुओं, रिक्त स्थान के सितारों और अन्य अस्तित्वों की एक अद्वितीय संगठन है। ब्रह्मांड अनंत, बिना सीमा और अत्यंत विशाल है और हमारे समय सीमा के बाहर है।
ब्रह्मांड की संरचना और विशेषता का अध्ययन खगोल विज्ञान (Astronomy) द्वारा किया जाता है। ब्रह्मांड में बहुत सारे ग्रह और तारे होते हैं जिनमें हमारा सूरज भी शामिल है,और इसमें कई गैलेक्सियों का समूह होता है, जिनमें सितारे, ग्रह, ध्वनि, तंतु, गैस क्लाउड्स, और अन्य वस्तुएँ होती हैं।
ब्रह्मांड की स्थिति और उसकी आवश्यकीयता के बारे में विभिन्न धार्मिक, दार्शनिक, और वैज्ञानिक दृष्टिकोण हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, ब्रह्मांड का उत्पत्ति बिग बैंग (Big Bang) थियोरी के अनुसार हुआ माना जाता है, जिसके अनुसार ब्रह्मांड लगभग 138 अरब साल पहले बड़े ही गहरे स्थिति से विस्फोटित हुआ था और फिर से विस्तार होता चला गया है।
यह जानकारी आपको ब्रह्मांड के बारे में सामान्य जानकारी प्रदान करती है, लेकिन इसके गहरे और रहस्यमयी पहलू हैं जिनका अध्ययन आधुन
महाविस्फोट सिद्धांत (Big Bang Theory) खगोलशास्त्र में ब्रह्मांड के उत्पत्ति और विकास के संबंध में एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है। इस सिद्धांत के अनुसार, ब्रह्मांड का आरंभ बहुत समय पहले एक अत्यंत छोटे और गर्म दिमागी अवस्था से हुआ था और फिर एक महाविस्फोट के रूप में विस्फुरित हुआ था।
महाविस्फोट सिद्धांत के कुछ मुख्य प्रमुख प्रमाण हैं
- सूर्यमंडल और अन्य ग्रहों की गति: ग्रहों की गति और उनके विस्फोटन के आधार पर, खगोलशास्त्री द्वारा महाविस्फोट की घोषणा की गई है।
- सूर्य की अवशेष गति: सूर्य की वेगवृद्धि और उसके अवशेष विस्फोटन के प्रमाण के आधार पर, सूर्यमंडल की आरंभिक वस्तु का महाविस्फोट के साथ संबंधित होने का प्रमाण है।
- सूक्ष्म राधार पृथकरण: सूक्ष्म राधार पृथकरण योजना से प्राप्त डेटा ब्रह्मांड के पास के प्रत्येक बिंदु की प्रदान करता है, जिससे ब्रह्मांड की प्रारंभिक गर्मी और गत
समयव्यवस्थ या सतत सृष्टि सिद्धांत
समयव्यवस्थ या सतत सृष्टि सिद्धांत (Steady State Theory) भी एक खगोलशास्त्रीय सिद्धांत है, जिसका मुख्य विचार है कि ब्रह्मांड का उत्पत्ति, विकास, और सृष्टि हमेशा हो रही है और वह अनंत है, बिना किसी महाविस्फोट के।
समयव्यवस्थ सिद्धांत के कुछ मुख्य विशेषताएँ शामिल हैं:
- नित्यता: इस सिद्धांत के अनुसार, ब्रह्मांड का साथ हमेशा हो रहा है, और इसमें कोई महाविस्फोट नहीं होता। नए ग्रह, तारामंडल, और गैलेक्सियों की सृष्टि समय-समय पर होती रहती है।
- समयकीन ज्योतिश: इस सिद्धांत के पक्षधरों का मानना है कि ब्रह्मांड का विस्तार हमेशा समान रूप से बढ़ता रहता है, और इसके साथ हमेशा नए सितारे पैदा होते रहते हैं, जिसके परिणामस्वरूप समयकीन ज्योतिष (खगोल गणित) का ज्यादा महत्व नहीं होता है।
- सृष्टि का अविलंब स्वरूप: इस सिद्धांत के अनुसार, नित्य गर्म और वस्तुत: परिपूर्ण ब्रह्मांड हमेशा हो रहा है और उसकी सृष्टि किसी विशेष घटना के रूप में नहीं होती है।
- समयव्यवस्थ सिद्धांत की प्रमुख समस्याएँ और प्रतिपादन किये गए हैं, और यह सिद्धांत प्रायः महाविस्फोट सिद्धांत के खिलाफ है। हालांकि इसका कुछ साइंटिफिक पूरक प्रमाण थे, लेकिन वर्तमान में महाविस्फोट सिद्धांत ब्रह्मांड के विकास और उत्पत्ति के प्रमुख स